29 दिसंबर, 2023, नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिज़नेस डेवलपमेंट (निसबड), और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड) ने आज विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) बस्तियों में प्रधानमंत्री जनजातीय अभियान (पीएमजनमन) योजना के कार्यान्वयन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी, योजना के तहत व्यावसायिक शिक्षा और कौशल घटक प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों को एकजुट करने की एक रणनीतिक योजना है।
इस अवसर पर बोलते हुए, एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “एक समतापूर्ण समाज की तलाश में, स्किलिंग जनजातीय समूहों की आजीविका के अवसरों को उन्नत करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगी। इन समूहों की कला, शिल्प और संस्कृति को सदियों से मनाया जाता रहा है, लेकिन पीएम जनमन योजना इसे सभी के अनुभव और इसका हिस्सा बनने के लिए सेन्टर स्टेज पर लाएगी। इस संदर्भ में, योजना का विजन कोई समानांतर नहीं है और मैं एमएसडीई को धन्यवाद देता हूँ कि इसे जीवन में लाने के लिए इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, ट्राइफेड, जो योजना के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा पीवीटीजी वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) को लागू करने के लिए नियुक्त की गई नोडल एजेंसी है, जो वीडीवीके बनाने, टूल्स और इक्विपमेंट प्रदान करने, पीवीटीजी बस्तियों की सूची के अनुसार वीडीवीके को मैप करने और स्थायी वीडीवीके की स्थापना के लिए आर्थिक गतिविधियों के संभावित क्षेत्रों पर ज्ञान साझा करने हेतु कम्युनिटी को संगठित करने के लिए राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के साथ समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा।
दूसरी ओर, निसबड एकत्रित समूहों के गठन के लिए मोबिलाइजेशन का कार्य करेगा, संबंधित वीडीवीके की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन करेगा, मूल्यांकन के अनुसार प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करेगा और चिन्हित किए गए प्रशिक्षण संस्थानों या परामर्श एजेंसियों के माध्यम से प्रशिक्षण आयोजित करेगा। निसबड द्वारा प्रदान किया गया प्रशिक्षण वित्तीय साक्षरता, उन्नत इक्विपमेंट के उपयोग के माध्यम से मूल्य संवर्धन, मार्केट लिंकेज बनाने और लक्षित समूहों के बीच व्यावसायिक कौशल के विकास पर केंद्रित होगा।
पीएम जनमन योजना पीवीटीजी घरों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस करेगी। 24,104 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ, अनुसूचित जनजातियों के लिए डेवलपमेन्ट एक्शन प्लान (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।